नव विवाहित जोड़ों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिये ताकि ईश्वरीय कृपा तो प्राप्त हो ही वहीं नव विवाहित जीवन भी सुखी हो सके। अमुमन नव विवाहित जोड़ों को न तो पुरानी परंपराओं से ही परिचय कराया जाता है और न ही वे विधियों को पूरा कराना आवश्यक समझा जाता है जो शास्त्रोक्त रूप से मान्य ही नहीं विश्वास करने योग्य भी होती है। नव विवाहित जोड़ों को या तो स्वयं ही अपने वरिष्ठ परिजनों से सलाह मशविरा कर परिवार की पुरानी परंपर निभाना चाहिये या फिर परिजनों को भी ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा इन बातों का भी विशेष रूप से निर्वहन करने की जरूरत है-
-शादी के बाद दूल्हा- दुल्हन को कुल देवी और कुल भैरव मंदिर में ले जाना चाहिये।
-नई नवेली दुल्हन को यदि रसोई घर में प्रवेश कराया जा रहा है तो उससे सबसे पहले मिठाई बनवाना चाहिये।
-दूल्हा दुल्हन कम से कम एक माह तक तो अपने हाथों की मेहंदी निकालने का बिल्कुल भी प्रयास न करें।