पुराने गीतों के रीमिक्स चलन के खिलाफ है- जावेद अख्तर

पुराने गीतों के रीमिक्स चलन के खिलाफ है- जावेद अख्तर
Share:

अपने गीतों के जरिये लाखो लोगों को अपना दीवाना बनाने वाले जावेद अख्तर का कहना है कि, पुराने गीत सांस्कृतिक विरासत हैं और वह पुराने गीतों के रीमिक्स के चलन के पूरी तरह खिलाफ हैं. बता दे कि कल शाम टॉकिंग फिल्म्स कंजर्वेशन ऑन हिन्दी सिनेमा नामक अपनी पुस्तक के विमोचन के अवसर पर शिरकत की जंहा पर उनसे पूछा गया कि इस समय जारी रीमिक्स गीतों के चलन से इससे पुराने गीतों का मूल तत्व खत्म हो रहा है.

तो जावेद ने जवाब में कहा कि मैं काफी सहमत हूं, मुझे नहीं मालूम कि लोग पुराने गीतों का रीमिक्स क्यों बनाते हैं. उन्हें यह विश्वास होना चाहिए कि वे सुपर हिट गीत दे सकते हैं. आगे उन्होंने ने कहा कि,उन्हें उधार क्यों लेना चाहिए इसकी क्या जरूरत है इसके अलावा, लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार के ये गीत.. ये हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं.

साथ ही कहा कि हमें उसे संरक्षित रखने की जरूरत है. ऐसी कुछ चीजें हैं, जो जैसी हैं उसी रूप में उन्हें उसका सम्मान करना चाहिए. बता दे कि ग़जलों को एक नया और आसान रूप देने में जावेद साहब का बहुत बड़ा योगदान है. यही नहीं बल्कि जावेद साहब को वर्ष 1999 को पद्म भूषण और 2007 में पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है.

ये भी पढ़े

'भंसाली कभी किसी का दिल नहीं दुखा सकते'- रणवीर सिंह

लोग पहले फिल्म देखे, फिर कुछ कहें- दीपिका पादुकोण

प्रभास की फैन ने पीठ पर बनवाया 'बाहुबली' का टैटू

 

बॉलीवुड और हॉलीवुड से जुडी चटपटी और मज़ेदार खबरे, फ़िल्मी स्टार की जिन्दगी से जुडी बातें, आपकी पसंदीदा सेलेब्रिटी की फ़ोटो, विडियो और खबरे पढ़े न्यूज़ ट्रैक पर

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -