बताया जा रहा है की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 2018-19 से एंट्रेस टेस्ट पांच महीने पहले शुरू हो सकते हैं. यूनिवर्सिटी सैंद्धांतिक रूप से इस पर किए गए विचार पर सहमत हो गया है. हालांकि, छात्रसंघ इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि ग्रामीण और गरीब छात्रों को इससे दिक्कत हो सकती है.
शुक्रवार को जेएनयू में हुई एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में टेस्ट की फीस बढ़ाने को लेकर भी फैसला लिया गया. हालांकि, अभी यह तय नहीं किया गया है कि कितनी राशि बढ़ाई जाएगी. साथ ही जेएनयू ने टेस्ट के मौखिक हिस्सों का वेटेज घटाने का फैसला भी लिया है. छात्रसंघ ने इसका विरोध किया है. लेकिन अब वाइवा का वेटेज तय करने की जिम्मेदारी अलग-अलग सेंटरों को दे दी गई है. 30 फीसदी से 15 फीसदी इसे किया जा सकता है.
फिलहाल जेएनयू का एंट्रेस टेस्ट मई में होता है, लेकिन इसे दिसंबर में किया जा सकता है. 'द टेलिग्राफ' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि जेएनयू में जुलाई-अगस्त तक एडमिशन प्रोसेस चलता है, तब तक बेस्ट स्टूडेंट दूसरी जगहों पर एडमिशन ले चुके होते हैं.
हालांकि, छात्रसंघ का कहना है कि ऐसा करना ठीक नहीं है, क्योंकि दिसंबर तक कई जगहों पर छात्रों का कोर्स पूरा नहीं होता है.
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