रांची: झारखंड के गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी का एक ऐसा मामला खाद्य, सार्वजनिक वितरण तथा उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय तक पहुंचा है, जिसे देख वह हतप्रभ हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि आदिम जनजाति बहुल इस इलाके में एक ही नाम से 50-50, 100-100 राशन कार्ड जारी हैं। वहीं इस पर डाकिया योजना के तहत प्रति माह राशन भी आवंटित किए जाते रहे हैं।
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यहां बता दें कि विभाग की ऑनलाइन रिपोर्ट भी इसकी पुष्ट कर रही है। इसके साथ ही मंत्री ने इस मामले की जांच कराने की जिम्मेदारी विभाग को सौंपी है। वहीं विभाग के सचिव डॉ.अमिताभ कौशल ने कहा है कि मंत्री के आदेश पर जांच शुरू कर दी गई है। प्रथम दृष्टया यह मामला काफी गंभीर प्रतीत होता है। मामले की जमीनी हकीकत इसकी पड़ताल के बाद सामने आएगी।
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गौरतलब है कि झारखंड की जनवितरण प्रणाली पीडीएस में कई स्तरों पर छेद हैं, विभागीय मंत्री ने समय-समय पर इसे खुद स्वीकारा है। वहीं उनका दावा है कि आने वाले दिनों में यह लीकेज सूचना तकनीक के दम पर भर लिए जाएंगे। ई-पॉस मशीन से राशन का वितरण, गोदामों में इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन की आपूर्ति, ढुलाई में इस्तेमाल हो रहे वाहनों में जीपीएस लगाया जाना इसकी कड़ी है। इसके अलावा बता दें कि पीडीएस तंत्र की सख्त निगरानी के लिए पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक सतर्कता एवं निगरानी समिति बनाई गई है। वहीं पीडीएस की इतनी सख्त पहरेदारी के बाद भी अगर कहीं गड़बड़ी उजागर होती है, तो इसमें प्रशासनिक महकमे की मिलीभगत से इन्कार नहीं किया जा सकता।
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