नई दिल्ली : सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की मौत के बहुचर्चित मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज गुरुवार को सुनवाई हुई जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में कोई जांच नहीं होगी. साथ ही कोर्ट ने चार जजों के बयान को संदेह से परे माना.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की मौत मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर स्पष्ट कहा कि मामले में कोई आधार नहीं होने से इस मामले में कोई जांच नहीं होगी. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने चार जजों के बयान को संदेह से परे मानते हुए कहा कि उनके बयान पर संदेह करना संस्थान पर संदेह करना जैसा होगा.कोर्ट ने इस मामले को न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश माना .इसके पूर्व इस विवादास्पद मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि याचिकाकर्ता सिर्फ इस मामले को तूल देना चाहते हैं. याचिकाकर्ता यह संदेश फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि जज, पुलिस, डॉक्टर सहित सभी की मिलीभगत है . यह बेतुकेपन की हद पार करने जैसा है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पत्रकार बी एस लोने और कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने स्वतंत्र याचिका दायर कर इस जस्टिस लोया मर्डर मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी से जाँच की मांग की थी.प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के बाद 16 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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