आप सभी को बता दें कि हर साल काली पूजा की जाती है. ऐसे में इस साल काली पूजा 7 नवंबर को है यानि दिवाली वाले दिन. कहा जाता है काली माता अपने भक्तों की पुकार सुनकर उन्हें सब कुछ दे देती हैं लेकिन अगर क्रोध आता है तो वह सब कुछ छीन भी सकती हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कालीका के प्रमुख तीन स्थान है जहाँ काली माता का पूजन धूम धाम से किया जाता है.
कोलकाता में कालीघाट पर जो एक शक्तिपीठ भी है वहीं मध्यप्रदेश के उज्जैन में भैरवगढ़ में गढ़कालिका मंदिर इसे भी शक्तिपीठ में शामिल किया गया है और गुजरात में पावागढ़ की पहाड़ी पर स्थित महाकाली का जाग्रत मंदिर चमत्कारिक रूप से मनोकामना पूर्ण करने वाला है. कहते हैं काली माता की पूजा बहुत ही श्रद्धा और भक्ति से की जानी चाहिए. आइए जानते हैं काली माँ की पूजा करने से क्या लाभ होता है.
* लंबे समय से चली आ रही बीमारी दूर होती है.
* ऐसी बीमारियां जिनका इलाज संभव नहीं है, वह भी काली की पूजा से समाप्त होती है
* काली के पूजक पर काले जादू, टोने-टोटकों का प्रभाव नहीं पड़ता है.
* हर तरह की बुरी आत्माओं से माता काली रक्षा करती हैं.
* कर्ज से छुटकारा दिलाती हैं.
* बिजनेस आदि में आ रही परेशानियों को दूर करती हैं.
* जीवनसाथी या किसी खास मित्र से संबंधों में आ रहे तनाव को दूर करती हैं.
* बेरोजगारी, करियर या शिक्षा में असफलता को दूर करती हैं.
* कारोबार में लाभ और नौकरी में प्रमोशन दिलाती हैं.
* हर रोज कोई न कोई नई मुसीबत खड़ी होती हो तो काली इस तरह की घटनाएं भी रोक देती हैं.
* शनि-राहु की महादशा या अंतरदशा, शनि की साढ़े साती, शनि का ढइया आदि सभी से काली रक्षा करती हैं.
*पितृदोष और कालसर्प दोष जैसे दोषों को दूर करती हैं.
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