कर्नाटक में हुआ राजनैतिक नाटक अब कांग्रेस देश भर में खेलना चाहती है. येदियुरप्पा के खिलाफ कांग्रेस पार्टी अब गोवा, मणिपुर, मेघालय में विरोध करने जा रही है वही आज राजभवन तक कांग्रेस ने विरोध मार्च निकलने की तैयारी भी कर ली है. वही कल गोवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चोडणकर ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मिलने का समय मांगा था. कांग्रेस राज्यपाल से गोवा में भी कर्नाटक फॉर्मूला अपनाने की अपील कर सकती है. कांग्रेस का तर्क है जब कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का निमंत्रण मिला है, तो गोवा में भी ऐसा ही होना चाहिए. इतना ही नहीं बिहार में भी राजद के तेजस्वी यादव राज्यपाल से मिलेंगे और सबसे बड़ी पार्टी होने का तर्क रखेंगे.
गुरुवार दोपहर को उन्होंने ट्वीट किया, '' जिस प्रकार कर्नाटक के गवर्नर ने सबसे बड़ी टीम को सरकार बनाने का न्योता भेजा है, क्यों ना यहां भी इसी प्रकार का अवसर कांग्रेस को दिया जाए.'' एक ही देश के दो राज्यों में अलग-अलग नियम क्यों.आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह गोवा कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल गवर्नर से मुलाकात कर सकता है. इसके अलावा कांग्रेस अपने सभी विधायकों की गवर्नर के सामने परेड भी करवा सकती है.
जब गोवा की 40 विधानसभा सीटों के नतीजे आए तो स्थिति बिल्कुल कर्नाटक जैसी ही थी. कांग्रेस 16 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से दूर रही थी. बीजेपी ने 14 सीटों पर कब्जा जमाया था और अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. वही कर्नाटक में 15 मई को जब नतीजे आए तो बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं नतीजों के बाद कांग्रेस और जेडीएस एक साथ आ गईं, दोनों की कुल सीटें 116 हुईं. लेकिन सरकार बनाने का न्योता बीजेपी को मिला और गुरुवार को नई सरकार ने शपथ भी ले ली.
कर्नाटक और विधायक-विधायक का नाटक
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