नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद आखिर कर्नाटक, तमिलनाडु को कावेरी का पानी देने को राजी हो गया है. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने आज दोपहर तक कर्नाटक सरकार से यह जानकारी भी मांगी है कि उसने पूर्व में दिए गए फैसले के मुताबिक तमिलनाडु को पानी छोड़ा है या नहीं. बता दें कि तमिलनाडु को पानी देने को लेकर कोर्ट ने 20, 27 और 30 सितंबर को आदेश दिए थे.
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सोमवार शाम को कर्नाटक विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास किया, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार कावेरी बेसिन के चार जलाशयों से सिंचाई के लिए पानी लेने के बारे में उचित निर्णय ले सकती है. लेकिन इसमें तमिलनाडु को कावेरी का पानी देने के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर के अपने आदेश में कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए एक से छह अक्टूबर तक कावेरी का छह हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश देने के अलावा केंद्र को चार अक्टूबर तक कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन का निर्देश दिया था. कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन के निर्देश के खिलाफ केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट चली गई है.इस बारे में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बताया कि मामला लंबित होने के कारण केंद्र को बोर्ड गठित करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता है. उधर डीएमके नेता एमके स्टालिन ने नाराज होकर केंद्र के खिलाफ 7 अक्टूबर को भूख हड़ताल करनेकी घोषणा की है.