नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कश्मीर समस्या का हल करने के लिये पूरी तरह से उम्मीद बांधे हुये है। उनका कहना है कि कश्मीर समस्या का हल विकास और विश्वास से ही हो सकता है। यही कारण है कि उनकी सरकार न केवल वहां के लोगों से चर्चा करेगी वहीं शांति बहाल करने के लिये लोगों से अपील भी की जा रही है।
हालांकि उनका यह भी कहना है कि स्थिति परिस्थितियों से निपटने के लिये सख्ती भी करना जरूरी था, अन्यथा कश्मीर के हालात और अधिक बिगड़ सकते थे। गौरतलब है कि बीती 8 जुलाई से कश्मीर के हालात बिगड़े हुये थे। यहां आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से ही हिसंक प्रदर्शनों का सिलसिला जारी हो गया था। हालांकि बीते कुछ दिन पहले स्थिति काबू में आने लगी है और इसके बाद से ही वहां तैनात बीएसएफ को भी हटा लिया गया है तो वहीं अधिकांश स्थानों से कफ्र्यू भी हटा लिया गया है।
अब उम्मीद यह की जा रही है कि कश्मीर की स्थिति यथावत हो जायेगी। पीएम मोदी ने देश की अन्य समस्याओं के बारे में भी चर्चा की और बताया कि उनकी सरकार देश की आर्थिक उन्नति के लिये तो संकल्पित है ही, गरीबों और दलितों के उत्थान हेतु भी सरकार ने विभिन्न योजनाओं को अमली जामा पहनाया है और इसका लाभ भी इन लोगों को मिलने लगा है।
कश्मीर का विकास, युवाओं से उम्मीद-
मोदी ने इस बात से दुःख जताया है कि कश्मीर के युवाओं को चंद लोगों ने गुमराह किया। उन्होंने वहां के युवाओं से उम्मीद जताई है कि वे समझदारी से कार्य लेंगे और कश्मीर के विकास में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य कश्मीर के लोगों में भारत के प्रति विश्वास कायम रखना है। इसके साथ ही मोदी ने जीएसटी बिल के बारे मंे भी विचार व्यक्त किये और कहा कि इस बिल के लागू होने से देश में आर्थिक रूप से समानता आयेगी।