रियाध: यूएस मैगज़ीन में एक इंटरव्यू के दौरान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इज़राइल के समर्थन में बयान देकर अलोचनाओं के कटघरे में आ गए हैं. उन्होंने कहा था की " इजराइल अपने देश में शांति से रहने का हकदार है" इस बयान के बाद कतर के नेता ने भी बिन सलमान की आलोचना की थी. कतर के नेता हमद बिन जसीम अल थानी ने बुधवार को ट्वीट्स कर कहा की " पश्चिमी देशों के लिए ऐसे बयानबाजी करने के बाद गल्फ देश "लाफिंग स्टॉक" हंसी का भण्डार बन गए हैं.
उन्होंने कहा की "हमें एक ऐसे व्यक्ति की जरुरत है जो की हमें इस अपमान से उठाएगा ना की ऐसे व्यक्ति की जो दुसरे देशों को प्रसन्न करने के लिए इस प्रकार की टिप्पणी करेगा. सऊदी क्राउन प्रिंस के इस बयान के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने कहा की "इजराइल के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत करना एक अक्षम्य गलती होगी , अगर किसी भी देश ने इजराइल के साथ बातचीत की तो इसके लिए माफ़ी नहीं मिलेगी".
खामेनेई ने अपने बयान में कहा की "धोखाधड़ी, झूठ बोलना और दमनकारी व्यवस्था (इजराइल) के साथ बातचीत की तो यह एक बड़ी गलती होगी और ऐसी गलती होगी की जिसे क्षमा करना मुश्किल होगा और यह फिलिस्तीनियों की जीत को एक झटका देगी". हालाँकि इस बयान में सऊदी अरब का कोई नाम नहीं लिया गया है लेकिन कहा गया है की "यह सभी मुस्लिमों का कर्तब्य है की वह इज़राइल का विरोध करें और फिलिस्तीन का समर्थन करे. क्राउन प्रिंस की इस टिप्पणी ने क्षेत्र में काफी विवाद पैदा किया और इन दिनों ही इजराइल के सैनिकों ने फिलिस्तीन के कई लोगों को गाजा बॉर्डर में गोली मार दी, ऐसे में बेटे के इस बयान के बाद सऊदी किंग सलमान ने बचाव करते हुए कहा था कि उनका पूर्ण समर्थन फिलिस्तीनियों के साथ है.
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