भगवान् हमेशा आपके साथ होते है जानिये इस कहानी के माध्यम से

भगवान् हमेशा आपके साथ होते है जानिये इस कहानी के माध्यम से
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हमारे समाज में कई प्रकार की कहानियां प्रचलित है जो किसी न किसी विषय को दर्शाती है, और जिनका सम्बन्ध हमारे पुराणों शास्त्रों से भी होता है तथा इन कहानियों पर क्षेत्र का भी प्रभाव होता है. आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताएँगे जिससे आप इस बात का पता लगा सकते है, की आप के साथ भगवान् है या नहीं है?

एक बार भगवान् एक बालक को पृथ्वी पर जन्म देने की बात करते है तब जन्म से ठीक पहले बालक भगवान् से कहता है की हे प्रभु आप मुझे पृथ्वी पर नया जीवन मत दीजिये, क्योकि मुझे पता है की पृथ्वी पर बहुत बुरे लोग रहते है में वहां नहीं जाना चाहता और यह बात बोलकर वह उदास बैठ जाता है. तब भगवान् उस बालक के सिर पर प्रेम से हाथ फेरते हुए उसे जन्म लेने का महत्व समझाते है और कुछ देर हठ करने के बाद वह बालक प्रथ्वी पर जन्म लेने के लिए तैयार हो जाता है और भगवान् से कहता है की हे! प्रभु मै आपकी बात से सहमत हूँ, किन्तु आपको मुझे एक वचन देना होगा तभी में पृथ्वी पर जन्म लूँगा.

भगवान् बोले ठीक है पुत्र बोलो क्या वचन चाहते हो, तब बालक भगवान् से कहता है की हे प्रभु जब में प्रथ्वी पर रहूँ तो वहां आपको भी मेरे समीप हर पल रहना होगा. तब भगवान् ने कहा ठीक है जैसा तुम चाहते हो वैसा ही होगा. इसके बाद उस बालक का जन्म कुछ ही क्षणों में प्रथ्वी पर हो जाता है किन्तु सांसारिक मोह माया में पड़कर वह भगवान् से हुई अपनी बातों को भूल जाता है किन्तु अपनी मृत्यु के समय उसे सब याद आ जाता है और वह इस बात की पुष्टि करना चाहता है कि भगवान् उसके साथ है या नहीं.

वह  अपनी आँखें बंद कर अपने बीते हुए दिनों को याद करता है तब उसे अपने जन्म के समय से ही उसे दो जोड़ी पैरों के निशान दिखाई देते है किन्तु जब वह अपने बुरे वक्त में होता है तो उसे केवल एक ही जोड़ी पैर दिखाई देते है. यह देखकर उसे बहुत दुःख होता कई की उसके बुरे वक्त में भगवान नहीं थे और भगवान् ने अपना वचन तोड़ दिया. अपनी मृत्यु के पश्चात् वह भगवान् के समक्ष पहुंचकर उनसे कहता है की हे प्रभु आपने मुझे वचन दिया था की आप हमेशा मेरे साथ रहेंगे किन्तु मेरे बुरे वक्त में आप ने मेरा साथ क्यों छोड़ दिया? मुझे हमेशा दो जोड़ी पदचिन्ह दिखाई देते थे किन्तु मेरे बुरे वक्त में मुझे केवल एक ही जोड़ी पदचिन्ह दिखाई दिए थे.

तब भगवान् ने मुस्कुराकर कहा की हे पुत्र जब तुम अपने बुरे वक्त में थे तब मेरा ह्रदय द्रवित हो गया था और मेने तुम्हे गोद में उठा लिया था इसलिए तुम्हे केवल एक ही जोड़ी पद चिन्ह दिखाई दिए जो की मेरे थे. इस कहानी के माध्यम से यह सिद्ध होता है की भगवान् हमेशा हमारे साथ होते है और हमारे बुरे वक्त में हमारा उतना बुरा नहीं होने देते जितना हो सकता है.

 

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