हमारे शास्त्रों और पुराणों में गंगा के विषय में बताया गया है कि गंगा का वास भगवान शिव की जटाओं में है और इनका उद्भव भगवान विष्णु के पैरों के अंगूठे से हुआ है. इस नदी को पाप नाशनी के नाम से भी जाना जाता है. हमारे जीवन में जितना महत्व गंगा का है उतना ही महत्व उसके जल का भी है. हमारे सभी धार्मिक कार्यों में शुद्धिकरण के लिए गंगाजल का प्रयोग किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते है कि गंगा के जल से अपने घर के वास्तु दोष को भी दूर किया जा सकता है. आइये हम आपको गंगा और उसके जल के फायदे बताते है.
पापों का नाश- गंगा के विषय में ऐसी मान्यता है कि इसके दर्शन और इसमें स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है. इसी कारण से इस नदी को पाप नाशनी के नाम से भी जाना जाता है.
रोगों से मुक्ति- गंगा का जल पवित्र होने के साथ-साथ हमें कई प्रकार के रोगों से मुक्ति भी दिलाता है, क्योकि गंगा नदी जिन-जिन जगहों से होकर गुजरती है वहां कई प्रकार की जड़ी बूटियाँ पाई जाती है और इनका गुण गंगा में विलीन हो जाता है.
मंगल दोष- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष होता है तो गंगा की पूजा करने से उसे लाभ मिलता है और यदि गंगा की पूजा नियमानुसार विधि पूर्वक कि जाती है तो यह शुभ फलदायक होता है.
वास्तु दोष- हर सप्ताह अपने घर में गंगा जल का छिडकाव करने से आपके घर का वास्तु दोष समाप्त होता है.
डरावने सपने- यदि किसी को रात में डरावने सपने आते है तो सोने के पूर्व अगर गंगा जल का छिडकाव करने से डरावने सपने आना बंद हो जाते है.
धन प्राप्ति- यदि कोई व्यक्ति भगवान् शिव के शिवलिंग पर गंगा जल से अभिषेक करता है तो उस व्यक्ति पर लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है.
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