हमारे धर्मशास्त्रों में गंगा नदी को सबसे पवित्र नदी माना गया है. पहले गंगाजी स्वर्ग में बहती थी पर महाराज भगीरथ ने अपनी तपस्या से गंगा माँ को प्रसन्न करके पृथ्वी पर लेकर आये थे. शिव की जटाओ में विराजमान गंगा में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
गंगा नदी में स्नान करने का बहुत महत्त्व होता है. अगर किसी व्यक्ति का विवाह ना हो रहा हो तो गंगा नदी में नहाने के बाद मिटटी का घड़ा पानी में बहाने से जल्दी शादी हो जाती है. गंगा नदी के किनारे स्नान करने के बाद छतरी, वस्त्र, जूते-चप्पल आदि दान में देना अच्छा होता है.
अगर आप गंगा स्नान को नहीं जा सकते हैं तो अपने घर में ही अपने नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ मात्रा डालकर नहा सकते है.
पूजा करते वक़्त ज़रूर करे शंख और घंटी का इस्तेमाल