आज वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगे. लोगों को यह जिज्ञासा है कि जेटली की पोटली में राहत की कौन कौन सी चीजें निकलेंगी. बजट को आमतौर पर लोग सिर्फ आयकर से जुड़ा मानते हैं.तो चलिए पिछले नौ सालों में आयकर में क्या -क्या बदलाव हुए इसके बारे में बताते हैं.
आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2009-10 के बजट में पुरुष कर दाताओं के लिए टैक्स छूट की सीमा 1 लाख 60 हजार रुपये, महिलाओं के लिए 1 लाख 90 हजार रुपये थी ,जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2 लाख 40 हजार रुपये की गई थी. व्यक्तिगत आयकर सीमा पर 10प्रतिशत सरचार्ज हटा लिया था.वहीं वित्त वर्ष 2010-11 के बजट में टैक्स स्लैब्स में बदलाव किया गया. 5 लाख रुपये तक की आय पर 10%, 8 लाख रुपये तक की आय पर 20% और 8 लाख रुपये तक की आय पर 30% टैक्स की घोषणा की गई थी.
लेकिन वित्त वर्ष 2011-12 में टैक्स छूट वाले स्लैब्स में परिवर्तन किया गया. उस वर्ष बजट में पुरुषों के लिए टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार और महिलाओं के लिए 1 लाख 90 हजार रुपये जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए ढाई लाख रुपये कर दी गई थी.
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2012-13 में आम करदाताओं के लिए टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख रुपये कर दिया गया , लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई राहत नहीं दी गई . इसी वर्ष पुरुष और महिला करदाताओं के लिए टैक्स छूट की सीमा में अंतर को खत्म कर दिया गया.यानी महिला और पुरुष का अंतर खत्म कर दिया .जबकि 2013-14 के बजट में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा आय पर 10% सरचार्ज लगाया गया.
वित्त वर्ष 2014-15 में आम करदाताओं की 2.5 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री किया गया. वरिष्ठ नागरिकों को 3 लाख रुपये तक और बहुत ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त किया गया. 2015-16 के बजट में 1 करोड़ रुपये से ऊपर की आय पर सरचार्ज 10% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया. राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में 50,000 रुपये तक के निवेश पर कर छूट दी गई जबकि पिछले साल 2016-17 के बजट में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की आय पर पर सरचार्ज 12% से बढ़ाकर 15% कर दिया गया. 10 लाख रुपये से ज्यादा के डिविडेंड्स पर 10% टैक्स का प्रावधान किया . वहीं, 5 लाख रुपये वार्षिक आमदनी वालों को 5,000 रुपये की टैक्स छूट दी गई.
बजट लाइव : अरुण जेटली वित्त मंत्रालय पहुंचें
कितनी बजे शुरू होगा बजट सत्र ?