देवो के देव महादेव को कौन नहीं जानता तथा ऐसा कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ बहुत जल्द ही अपने भक्तो कि प्रार्थना सुन लेते है अगर कोई भी भक्त सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ का व्रत रखता है और उनकी पूजा करता है तथा उनकी पूजा में दूध, बेलपत्र, धतुरा, बेर और फूल अर्पित किये जाते है. लेकिन क्या आपको ये पता है कि भगवान भोलेनाथ कि पूजा में हल्दी अर्पित करना वर्जित माना गया है, तो आइये जानते है कि किस कारण से भगवान भोलेनाथ को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती.
पुराणों के अनुसार भगवान भोलेनाथ के अलावा सभी देवी देवताओं को हल्दी अर्पित कि जाती है, शास्त्रों के मुताबिक बताया गया है कि हल्दी स्त्री का स्वरुप माना गया है और शिवलिंग पुरुष को माना गया है इसलिए भगवान भोलेनाथ को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है.
अगर आप सोमवार के व्रत में हल्दी का प्रयोग करते है तो इसमें आपकी पूजा निष्फल मानी जाती है तथा आपको अपनी पूजा का फल नहीं मिल पाता है इसलिए गलती से भी भोलेनाथ कि मुर्ति और शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाए.
हल्दी को सोंदर्य के लिए गुणकारी माना गया है इसलिए हल्दी का प्रयोग सोंदर्य को निखारने के लिए किया जाता है इसलिए देवी देवताओं को हल्दी अर्पित कि जाती है और शिवलिंग पर अर्पित करना वर्जित माना जाता है.
देवी देवताओं को श्रृंगार आदि से सुसज्जित किया जाता है और इसलिए देवी देवताओं में हल्दी चढ़ाई जाती है लेकिन भगवान भोलेनाथ को श्रंगार आदी अर्पित नहीं किया जाता इसलिए उन्हें हल्दी भी चढ़ाना वर्जित माना जाता है.
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