इस संसार में व्यक्ति जैसा कर्म करता है उसे उस कर्म के अनुसार ही उसका फल भी प्राप्त होता है. यदि व्यक्ति अपने जीवन में बुरे कर्म करता है तो उसे उसका फल भी बुरा ही मिलता है. किन्तु व्यक्ति यदि चाहे तो वह अपने बुरे कर्मो के प्रभाव को कम या नष्ट कर सकता है. हिन्दू धर्म शास्त्रों में माना गया है की रूद्र अर्थात भगवान् शिव का अभिषेक करने से व्यक्ति के बुरे कर्मो के प्रभाव का नाश होता है और उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है. किन्तु इसके लिए व्यक्ति को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना पड़ता है. आइये जानते है..
शिवलिंग का चुनाव
रुद्राभिषेक करने के पूर्व शिवलिंग का चुनाव करना आवश्यक है. यदि शिवलिंग किसी मंदिर में स्थापित होता है तो वहां जाकर अभिषेक करना बहुत उत्तम होता है यदि शिवलिंग किसी नदी के तट पर होता है तो उसका फल मंदिर के शिवलिंग से अधिक प्राप्त होता है और यदि शिवलिंग किसी पर्वत पर होता है तो इन दोनों शिवलिंग से अधिक महत्व उस शिवलिंग का होता है.
विभिन्न वस्तुओं से अभिषेक का फल
यदि शिवलिंग का अभिषेक अलग-अलग वस्तुओं से किया जाता है तो उनका फल भी अलग-अलग प्राप्त होता है. आइये जानते है किस वस्तु के अभिषेक से कौन सा फल प्राप्त होता है?
1. यदि व्यक्ति घी से शिवलिंग का अभिषेक करता है तो इससे उसके वंश की वृद्धि होती है.
2. इक्षुरस के द्वारा अभिषेक करने से व्यक्ति की कुंडली के बुरे योग नष्ट होते है और उसकी इच्छाओं की पूर्ती होती है.
3. यदि कोई व्यक्ति शिवलिंग का अभिषेक शक्कर व दूध से करता है तो ये व्यक्ति को विद्द्वान बनाता है.
4. गंभीर बिमारी को दूर करने के लिए शिवलिंग पर शहद से अभिषेक करना चाहिए.
5. यदि गाय के दूध से अभिषेक किया जाता है तो व्यक्ति स्वस्थ रहता है.
किस समय करें अभिषेक
भगवान् शिव का शिवाभिषेक किसी भी शुभ मुहूर्त में करना उत्तम होता है और यदि शिवरात्री पर अभिषेक किया जाता है तो यह शीघ्र फलदायी होता है.
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