शादी में दो अलग लोग और दो अलग परिवार एक रिश्ते में बंध जाते है.यह एक ऐसा मौका होता है जब दो इंसानो के साथ-साथ दो परिवारों का जीवन भी पूरी तरह बदल जाता है. ऐसे में विवाह संबंधी सभी कार्य पूरी सावधानी और शुभ मुहूर्त देखकर ही किए जाते हैं. विवाह की सभी रस्में अच्छे से हो जाने के बाद सबसे खास रस्म होती हैं दूल्हा और दुल्हन के गृह प्रवेश की.
हमारे यहाँ नई दुल्हन को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है कहा जाता है कि थाली में कुमकुम रखकर दुल्हन के गृहप्रवेश के समय उसके पैर बनवाने से घर में लक्ष्मी के स्थाई निवास के साथ ही हमेशा सुख व समृद्धि बनी रहती है.
घर में दुल्हन के पैर बनवाने की रस्म के पीछे मनोवैज्ञानिक कारण है कि इस तरह पैर बनवाने से घर के सभी सदस्यों को ये चीज समझ आ जाए कि नारी के सम्मान से ही जीवन सुखी और समृद्ध रहता है. उसे गृह लक्ष्मी का स्वरूप मानकर जीवनभर सम्मान दिया जाए इसी भावना के साथ ये रिवाज़ बनाया गया है.
सुन्दर पत्नी के लिए करे अप्सरा उर्वशी की पूजा