इन दिनों ऐसा बहुत कम होता है कि कोई अपने जीवन भर एक ही जगह नौकरी करता रहे। इसकी एक वजह तो यह भी है कि अब पहले के मुकाबले बहुत सारे अवसर हैं और हमारा जीवन विविधता और लोच से भरा हुआ है। फिर भी यदि कोई अपनी पसंदीदा नौकरी छोड़कर जा रहा है तो आमतौर पर उसके पीछे एक जैसी ही वजह काम करती हैं। इसमें न तो पैसा मसला होता है और न ही जगह...। देखें कोई कर्मचारी किन वजहों से अच्छी खासी नौकरी छोड़कर चले जाते है।
कर्मचारियों को कम महत्व देना...
जब आप दफ्तर में महत्वहीन कर दिए जाते हैं, जब आपको यह अनुभव होने लगता है कि आप बस एक कर्मचारी नंबर वन बनकर रह गए हैं. जब आपके वजूद को नकार दिया जाता है तब आप नौकरी बदलने के बारे में विचार करने लगते हैं।
वेतन...
स्टाफ इंसानों से बनता है। कर्मचारी इंसान हैं और वे उत्पादक होने के लिए गरिमा और प्रेरणा की मांग करते हैं। यदि आपका स्टाफ कम वेतन, कम सुविधा में काम करता है और उन्हें पर्याप्त लाभ नहीं मिलता, या सुरक्षित, स्वस्थ और काम का उत्साहजनक वातावरण नहीं मिलता तो वे जल्द ही नौकरी छोड़ देंगे।
असमानता बड़ा मसला...
समय अब बदल गया है। मानव जाति बौद्धिक रूप से ज्यादा समृद्ध हुई है और यदि किसी भी आधार पर भेदभाव संस्थान में होता है तो स्टाफ को बाहर जाने से कोई नहीं रोक सकता है। संस्थान के लिए जरूरी है कि वह जरूरत को तवज्जो दे, विविधता और लोच के प्रति खुला रहे। लोग ऐसे किसी जगह काम नहीं करना चाहते हैं जो एक पुरानी कार्यशैली से चिपका हुआ है।
करियर में कोई प्रगति न होना...
कोई भी व्यक्ति जीवन भर एक ही काम करता नहीं रह सकता है। हर इंसान करियर के स्तर पर नया सीखने और विकसित होने की ख्वाहिश रखता है। स्टाफ ट्रेन्ड और शिक्षित होना चाहता है ताकि वह खुद को विकसित कर सके। वे जिस संस्था में काम करते हैं, उसके साथ ही प्रगति करना चाहते हैं यदि ऐसा नहीं होता है तो वे बेहतर की तलाश में संस्थान छोड़ सकते हैं।
लक्ष्य नहीं होने से नाखुश होना...
यदि लोग किसी कार्यस्थल पर नाखुश है और तुरंत छोड़ने की सुविधा न हो, तब लोग ज्यादा सनकी, अकड़ और काम से बचने के तमाम रास्ते ढूंढने लगेंगे। कम उत्पादकता या फिर अधूरा, गैर-प्रतिस्पर्धी सेवाओं का और कोई परिणाम नहीं हो सकता, सिवा बाहर अवसरों की तलाश करने के।
अपात्र को पदोन्नाति देना...
कुछ संस्थान गलत लोगों को पदोन्नाति देने की अपसंस्कृति भी विकसित कर लेते हैं। कहा जाता है कि अच्छे बॉस वे हैं जो खुद से ज्यादा योग्य लोगों को हायर करते हैं। ऐसा नहीं होता मगर क्योंकि जब बॉस का अहम् बड़ा होता है और वह अपने ही कर्मचारी से असुरक्षित महसूस करता है तो वह इस तरह की अपसंस्कृति को जन्म देता है। ऐसे संस्थानों से भी कुशल कर्मचारी जल्द ही छुटकारा पाना चाहते हैं। और वे ऐसी जगह जाना चाहते हैं, जहां उनकी योग्यता और क्षमता को सम्मान दिया जाए।
गुणवत्ता नहीं, अनुभव को महत्व...
जब पद-संरचना कर्मचारियों के योगदान और उनके काम के महत्व से ज्यादा प्रभावशाली हो तो न सिर्फ वह संस्थान योग्य और कुशल कर्मचारियों से वंचित होता है, बल्कि वह अपने कर्मचारियों के बीच यकीन खो देता है।
इस तरह का रिज्यूमे दिलाएगा इंटरव्यू में सफलता