आज मजदूर दिवस है. मेहनतकश मजदुर को उसके पसीने का सही दाम आज भी भारत में नहीं दिया जा रहा है. विश्व के कई देशों में मजूदरों को घंटे के हिसाब से लाखों का वेतन मिलता है तो जानिए इस रिपोर्ट में किस देश में मजदूरों को कितना वेतन मिलता है -
अमेरिका
अमेरिका के प्राइवेट सेक्टर में सबसे ज्यादा नौकरी देने वाली वॉलमार्ट पहले ही अपने यहां न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 10 डॉलर यानी 650 रुपए प्रति घंटे मतलब 10 डॉलर प्रति घंटे के हिसाब से सैलरी मिल रही है. अमेरिका में 7.25 डॉलर 500 रुपए प्रति घंटे की न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है
ऑस्ट्रेलिया
ऑर्गनाइजेशन ऑफ इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां 9.54 डॉलर यानी करीब 600 रुपए प्रति घंटे की टेक होम सैलरी मिलती है. एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हफ्ते 38 घंटे काम कर कम से कम 2863 डॉलर 1.9 लाख रुपए हर महीने कमा सकता है.
लग्जमबर्ग
यहां एक कामगार की हर घंटे की टेक होम सैलरी 9.24 डॉलर यानी भारत के हिसाब से 600 रुपए प्रति घंटे थी. यहाँ हर हफ्ते 40 घंटे काम कर महीने में कम से कम करीब 2500 डॉलर यानी 1.7 लाख रुपए की कुल टैक्स पूर्व कमाई कर सकता है.
बेल्जियम
यहाँ हर कामगार को हर घंटे के लिए कम से कम 8.57 डॉलर मिलते हैं. यहां हफ्ते में 38 घंटे काम के हिसाब से एक महीने में कम से कम 1900 डॉलर की टैक्स पूर्व कमाई कर सकते हैं.
फ्रांस और नीदरलैंड
फ्रांस और नीदरलैंड में 8.2 डॉलर यानी 550 रुपए प्रति घंटे की टेक होम सैलरी हैं.
ब्रिटेन
ब्रिटेन में एक आम कर्मचारी को कम से कम 7 डॉलर प्रति घंटे यानी मात्र 475 रुपए की टेक होम सैलरी मिलती है. कनाडा, जर्मनी और न्यूजीलैंड में मिनिमम टेक होम सैलरी 7 से 7.2 डॉलर प्रति घंटा है.
भारत
भारत में न्यूनतम मजदूरी के बारे में अप्रैल में सरकार ने लोक सभा में जानकारी दी थी कि कॉन्ट्रैक्ट लेबर के लिए न्यूनतम मजदूरी 10 हजार रुपए प्रति माह कर दी गई है. न्यूनतम मजदूरी की ये दरें 500 रुपए प्रति दिन से अधिक नहीं है.
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