उज्जैन : मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पिछले 6 वर्षों से मठ मंदिरों की भूमि नीलामी से मुक्त राखी हुई है लेकिन पिछले दिनों से अधिकारियों द्वारा मठ-मंदिरों की भूमि नीलामी करने के प्रयास किये जा रहे हैं। नीलामी के कारण मठ मंदिरों की भूमि पर दबंग लोगों द्वारा कब्जा होने का प्रश्न चिन्ह लग रहा है। प्रशासन द्वारा मंदिरों की भूमि पुजारी से छीनकर अपने चहेते लोगों को मंदिर की भूमि नीलाम करके उपकृत करने की मानसिकता लगती है।
उक्त संदर्भ में अ.भा. पुजारी संघ के अध्यक्ष महेश पुजारी ने मुख्यमंत्री को फैक्स कर बताया कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि मंदिर की भूमि संत और पुजारियों के पास ही रहे। लेकिन अधिकारियों द्वारा संत पुजारियों में भय उत्पन्न किया जा रहा है। जिसके कारण हजारों पुजारी अपने परिवार के भरण पोषण की चिंता में डूब गया है तथा मंदिर व भगवान की पूजा अर्चना कैसे की जाएगी उसे इसकी चिंता सता रही है।
जिस तरह से अन्य धर्मस्थलों को स्वतंत्र रखा गया है उसी तरह सनातन धर्म के मंदिरों को भी स्वतंत्र रखते हुए संपूर्ण व्यवस्था संत पुजारियों को सौंप देनी चाहिये। भूमि नीलामी स्थाई तौर पर बंद की जाए जिससे अधिकारी वर्ग पुजारियों एवं संतों को भयभीत न कर सकें। मुख्यमंत्री से मांग की है कि अधिकारियों को निर्देशित कर संतों एवं पुजारियों को प्रताड़ित न किया जाए तथा भूमि पर पुजारियों का नामांतरण भी शीघ्र किया जाए जिससे अधिकारियों की मनमानी पर रोक लग सके.
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