कहते हैं राजनीति में सब जायज है. यदि राजनेता लालू जैसा प्रभावशाली हो, तो जेल में भी सुविधाएं मुहैया हो जाती है. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है और उन्हें रांची की बिरसा मुंडा जेल में रखा गया है. लालू को जेल में कोई तकलीफ न हो इसलिए उनके दो सेवकों द्वारा फर्जी केस बनाकर जेल पहुँचने का मामला सामने आया है.
मिली जानकारी के अनुसार इन दो सेवकों का नाम मदन और लक्ष्मण है, जो दूध का कारोबार करते हैं .लक्ष्मण जहां उनके लिए खाना बनाने का काम करता है वहीं मदन उनकी सेवा करता है. इन दोनों ने एक अन्य युवक की मदद लेकर अपने ऊपर मारपीट करने और 10 हजार रुपए लूटने का आरोप लगाते हुए डोरंडा थाने में शिकायत दर्ज करवाई.लेकिन जब थाना अध्यक्ष द्वारा आरोपियों को जेल भेजने से मना कर दिया गया तो इन्होंने रांची के लोअर बाजार थाने जाकर खुद ही सपर्पण कर दिया , ताकि जेल जाया जा सके.
बता दें कि दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 323, 504, 379, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया और यह अपनी योजना अनुसार जेल पहुँच गए हैं. इन दोनों सेवकों के जेल जाने से राबड़ी देवी की लालू को समय पर दवाई देने के साथ ही अन्य चिंताओं से मुक्ति मिल गई है .इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि बिहार में लालू का जादू यूँ ही नहीं चलता.
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