दिल्ली : पिछले दिनों सदन में कामकाज न हो पाने की बातें सामने आयी थी, जिसका कारण नेताओ का सदन में किया जाने वाला हंगामा था. सदन की कारवाही न होते हुए भी पैसो की बर्बादी को लेकर जो बवाल उठा उसका असर दिख रहा है, क्योकि केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि सत्ताधारी एनडीए के सांसद मौजूदा संसद सत्र में कामकाज न होने वाले 23 दिनों का वेतन नहीं लेंगे. उनके इस कदम ने विरोधी दलों को उलझन में डाल दिया है. मालूम हो कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के विरोध के कारण बजट सत्र के दूसरे चरण में अब तक कोई कामकाज नहीं हुआ है.
अनंत कुमार ने संसद के दोनों सदनों में गतिरोध के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वह गैरलोकतांत्रिक राजनीति कर रही है. पार्टी ने अहम बिलों को पास करवाने से रोका है और यह करदाताओं के पैसे की ‘आपराधिक बर्बादी’ है. एनडीए के सांसदों में भाजपा सहित अन्य घटक दलों के सांसद शामिल हैं. संसद की कार्यवाही शुक्रवार तक निर्धारित है.
दूसरी ओर लोकसभा में बुधवार को अन्नाद्रमुक के विरोध के कारण सदन की कार्यवाही लगातार 20वें दिन भी नहीं चली. सदन की बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद ही अन्नाद्रमुक के सांसद वेल में आकर कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन को लेकर नारेबाजी करने लगे. दोपहर बाद जब सदन की बैठक फिर शुरू हुई तब भी विभिन्न विपक्षी दलों के सांसदों का हंगामा जारी रहा और स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.
सदन के एक मिनट की कीमत 2.5 लाख, पिछले आठ दिनों में हुआ 16 मिनट काम
बजट सत्र के दूसरे दिन भी सदन मे हंगामा