नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही फलस्तीन जाने वाले है. खबर है की नरेंद्र मोदी 10 फरवरी को जाएंगे. फलीस्तीन की यात्रा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधान मंत्री होंगे. प्रधान मंत्री हालफिलहाल इज़राईल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की मेज़बानी में लगे है. वे छह दिनों तक इनके साथ व्यस्त रहेंगे.
फलीस्तीन की यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इस वजह से यह सन्देश जा सकता है की फलीस्तीन ले कर भारत की विदेश निति में कोई बदलाव नहीं आया है. जब अमेरिका ने येरुशलम को इज़राईल की आधिकारिक राजधानी के तौर पर मान्यता देने की घोषणा की थी तब इसके लिए भारत ने अमेरिका के खिलाफ अपना वोट किया था.
मीडिया में आयी रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी जॉर्डन की राजधानी अम्मान से हेलीकॉप्टर के जरिए रामल्ला जाएंगे. ये येरुशलम से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है. ये फलीस्तीन की असल राजधानी है. पिछले साल मोदी इज़राईल जाने की वजह से फलीस्तीन नहीं जा पाए थे. क्योंकि फलीस्तीन में दुखभरा माहौल था. इसको लेकर यह मन जाने लगा था कि भारत फलीस्तीन को लेकर अपनी विदेश निति से भटकता नज़र आ रहा है. लेकिन यह अमेरिका के खिलाफ वोटिंग को दर्शा रही थी. यह यात्रा भी कुछ अच्छे प्रोजेक्ट्स लेकर आ सकती है.
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