Feb 16 2017 04:30 AM
तिथि - 2, नक्षत्र- अश्लेषा, वार-शनिवार या रविवार
तिथि - 7, नक्षत्र कृतिका, वार-शनिवार
तिथि-7 या 12 नक्षत्र-शतभिषा, वार-मंगलवार
तिथि 12 नक्षत्र- विशाखा, वार-रविवार
चूल्ही चक्र -
सूर्य नक्षत्र से 6 नक्षत्र पीठ के सुखप्रद
4 मस्तक के मृत्युपद
8 बाहु के सुखप्रद, सुंदर शोभा प्राप्ति
5 गर्भ के नाशक
2 चरण के नाशक
शुभ नक्षत्र में चूल्हा बनाने और अग्नि जलाना प्रारंभ किया जा सकता है।
वार-बुधवार, गुरूवार और शुक्रवार शुभ माने गये है।
नारायण मूर्ति के साथ ही विशाल सिक्का का दिल का संबंध
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