पूर्वोत्तर के तीन राज्य मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा में आज विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वोटों की गिनती शुरू हो गई है. लगातार रुझान भी आ रहे हैं.
अब तक रुझानों में
त्रिपुरा - बीजेपी 40 कांग्रेस 00 लेफ्ट 19 अन्य 00 सीटों पर आगे चल रही है
मेघालय- बीजेपी 06 कांग्रेस 21 NPP 17 अन्य 15 सीटों पर आगे चल रही है
नगालैंड - बीजेपी 29 कांग्रेस 01 NPF 26 अन्य 04 सीटों पर आगे चल रही है
त्रिपुरा :त्रिपुरा में 25 साल से लेफ्ट की सरकार है, लेकिन सरकार की हिंदूविरोधी नीति, बेरोजगारी और विकास न होने के आरोप के बीच वह एंटी-इनकंबेंसी की मार झेल सकती है,यहांं 59 सीट पर चुनाव हुआ, एक सीट पर उम्मीदवार का निधन होने की वजह से चुनाव नहीं हुआ. मौजूदा सीएम माणिक सरकार, पिछले 20 साल से सरकार चला रहे हैं,बीजेपी ने सीएम कैंडिडेट के लिए किसी के नाम का एलान नहीं किया. राज्य में माणिक की बेदाग छवि है इनके पास खुद का न मोबाइल है, न घर है, न कार है, वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी नहीं करते हैं. आरोप हैं कि राज्य आईटी सेक्टर में पिछड़ा है,इसी बात को लेकर युवाओं में नाराजगी
जातिगत समीकरण के लिहाज से 70% वोटर बंगाली और अन्य, 30% वोटर आदिवासी (शेड्यूल ट्राइब) हैं .
मेघालय: मेघालय विधानसभा चुनाव के वोटों की मतगणना आज सुबह आठ बजे से जारी है, मेघालय में कांग्रेस आगे है, लेकिन उसे एनपीपी और बीजेपी मिलकर दिक्कत दे सकती है,मेघालय मे 19 लाख वोटर्स है और यहाँ 8 साल से कांग्रेस सरकार है,मगर इस बार कांग्रेस- बीजेपी और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) में त्रिकोणीय मुकाबला हुआ. नेशनल पीपुल्स पार्टी 2013 में सत्ता में आई, दिवंगत पूर्व कांग्रेसी नेता पीए संगमा इसके फाउंडर हैं, अब यह उनके बेटे और पार्टी चीफ कोनार्ड संगमा की लीडरशिप में मजबूत हो रही है.यहांं 59 सीट पर चुनाव हुआ,एक सीट पर उम्मीदवार का निधन होने की वजह से चुनाव नहीं हुआ.कांग्रेस मौजूदा सीएम मुकुल संगमा की लीडरशिप में चुनाव लड़ रही है. वहीं, एनपीपी ने सीएम के लिए किसी का नाम आगे नहीं किया है.एनपीपी चुनाव जीतती है तो मुकुल संगमा की बहन और पूर्व सांसद अगाथा संगमा सीएम हो सकती हैं. 75% वोटर ईसाई समुदाय हैं. इन वोटर्स को रिझाने के लिए कांग्रेस ने केरल के पूर्व सीएम ओमान चांडी और बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री के अल्फोंस को चुनाव की कमान दी थी. राज्य में हर चुनाव में निर्दलीय बड़ी संख्या में जीतते हैं, पिछली बार 13 जीते थे. इस बार भी 84 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं.
नागालैंड विधान सभा चुनावो के बढ़ मतगणना शरू हो गई है और अब तक के रुझानों में बीजेपी NPF को कड़ी चुनौती दे रही है, सूबे में कुल 11 लाख वोटर में से 75% ने अपने मतदान अधिकार का प्रयोग इस बार किया था .15 साल से नेशनल पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) की सरकार है, बीजेपी ने चुनाव से पहले एनपीएफ से गठबंधन तोड़कर इसी पार्टी के बागी नेताओं-विधायकों के नए दल नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) से हाथ मिलाया है. एनडीपीपी ने 40, बीजेपी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था, एनपीएफ 59 सीटों पर मैदान में रही, एनपीएफ सीएम टीआर जेलियांग ही अभी तक सीएम के रूप में देखे जा रहे है. बीजेपी और एनडीपीपी ने किसी नेता को आगे नहीं किया. एनपीएफ के पूर्व नेता और तीन बार सीएम रह चुके नेफ्यू रियो एनडीपीपी के संभावित कैंडिडेट हो सकते हैं. नागालैंड में जातिगत वोटर्स की बात करे तो यह एक ईसाई बहुल राज्य है, यहां 90.2% ईसाई, 7.7% हिंदू और 1.8% मुस्लिम हैं. 29 राज्यों में से 19 में एनडीए (14 में बीजेपी) की सरकार है, इनमें नगालैंड भी शामिल है, यहां एनपीएफ-बीजेपी गठबंधन में थे.
नागालैंड के परिणाम, रुझानों में घमासान
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