वैसे तो गर्भवती महिला के गर्भ से ये जानना गलत है कि उसके गर्भ में लड़का है या फिर लड़की, लेकिन कई जगहों पर आज भी ये माना जाता है कि पहले ही जान लेना सही है. हालाँकि अब ऐसा कहीं नहीं किया जाता कि गर्भ में ही पता कर लिया जाए. इसी कारण से सरकार ने सोनोग्राफी मशीन पर प्रतिबंध लगाए हैं ताकि कोई भी भ्रूण की जांच ना कर पाए और उनकी हत्याओं पर रोक लग जाये. मशीन पर तो रोक लग गया लेकिन गांव के लोग आज भी घरेलु तरीके से ये जानने की कोशिश कर लेते हैं और भ्रूण कर देते हैं.
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ऐसा ही एक अनोखा तरीका अपनाते हैं झारखंड के लोहरदगा स्थित खुखरा गांव के लोग जिससे वो पेट में पल रहे बच्चे के बारे में जान लेते हैं. यहां के लोग मानते हैं कि यहां का पर्वत बीते 400 सालों से लोगों का भविष्य बता रहा है. यहां के लोग इसे काफी मानते भी हैं और कहते हैं पर्वत पर बनी चाँद की आकृति गर्भ में पल रहे बच्चे के बारे में बताती है. कहते हैं इस पहाड़ पर पत्थर फेंककर मारते हैं तो ये पहाड़ लिंग के बारे में बता देता है.
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गर्भवती महिला एक निश्चित दूरी से पत्थर को इस पहाड़ी पर बने चांद की ओर मारती है. अगर पत्थर चंद्रमा के आकार के ठीक बीच में जाकर लगा तो लोग समझ जाते हैं कि गर्भ में लड़का है और अगर वह पत्थर चंद्रमा के बाहर लगे तो मानते हैं कि गर्भ में लड़की है. आज के ज़माने के ऐसा कोई नहीं मानता, लेकिन ये यहां के लोगों का अन्धविश्वास है जो लोगों को आज भी ऐसी प्रथाओं से जोड़े हुए है जिससे लोग आगे ही नहीं आना चाहते.
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