नई दिल्ली: देश में बीते सालों में राजनीति बहुत बदल गई है। वर्तमान समय में देश के राजनेता योग्य राजनीति करने के बजाय यहां वहां के मुद्दों को उठाकर अपना पलड़ा झाड़ते हुए नजर आते हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोकपाल नियुक्ति को लेकर सरकार को एक बार फिर अल्टीमेटम दिया है। वहीं अन्ना हजारे ने कहा कि अगर अगले साल 30 जनवरी तक लोकपाल नियुक्त नहीं होता है तो वह अपने गांव में भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
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वहीं बता दें कि प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को पत्र लिखते हुए अन्ना हजारे ने एनडीए सरकार पर केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर बहानेबाजी का आरोप लगाया है। साथ ही हजारे ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले कहा कि लोकसभा में विपक्ष का नेता नहीं है, इसलिए लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकती। इसके बाद कहा गया कि चयन समिति में कोई प्रतिष्ठित कानूनविद नहीं है, मोदी सरकार केवल बहाने बना रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह इसी साल 23 मार्च को दिल्ली में रामलीला मैदान में हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन जब पीएमओ की तरफ से उन्हें लिखित में भरोसा दिया गया कि उनकी मांगे पूरी कर दी जाएंगी तो उन्होंने हड़ताल खत्म कर दी।
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इसके साथ ही अन्ना हजारे ने कहा कि इसके बाद उन्होने 2 अक्टूबर की डेडलाइन दी थी। उन्होने कहा कि 2 अक्टूबर से मेरे गांव रालेगांव सिद्धि में दोबारा से मेरी हड़ताल शुरू होने वाली थी, लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों ने दोबारा भरोसा दिलाया कि लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया आखिरी दौर में है। इसलिए मैंने उन्हें एक और मौका देने का फैसला किया और 30 जनवरी तक इंतजार कर रहा हूं।
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