हमारे शास्त्रों और पुराणों में सभी देवी देवताओं से सम्बंधित कई प्रकार की कथा का वर्णन किया गया है जिनके प्रमाण आज भी इस दुनिया में मौजूद है. इसी कड़ी में सतयुग के समय भगवान् राम से सम्बंधित कई प्रमाण भी आज तक भारत में स्थित है.भगवान् राम के जन्म से लेकर उनके वनवास तक के सभी साक्ष्य हमें देखने को मिलते है.आज हम आपको उस स्थान के विषय में बताएँगे जहाँ लंका पर आक्रमण करने के पूर्व भगवान् राम ने भगवान् शंकर की आराधना की थी. और लंका विजय का आशीर्वाद उनसे प्राप्त किया था.
यह स्थान भारत के दक्षिण के रामेश्वर में सेतुबंध के नाम से विख्यात है जो की एक प्राचीन आध्यात्मिक स्थल है इस स्थान की प्रसिद्धि रामायण काल से हुई थी यहाँ पर भगवान् राम ने भगवान् शंकर के पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर उसे स्थापित किया और उसकी पूजा की थी.
यह वही स्थान है जहाँ से लंका प्रस्थान के लिए हनुमान जी ने सभी वानर सेना के साथ मिलकर रामसेतु का निर्माण किया था.जिसपर से चलकर सभी ने समुद्र पार कर लंका पर आक्रमण किया और भगवान् राम ने लंकापति रावण को उद्ध में पराजित कर उसका वध किया था.
रामेश्वरम आध्यत्मिक द्रष्टि से बहुत पवित्र होने के साथ साथ पर्यटन की द्रष्टि से भी बहुत प्रसिद्द है यहाँ कई अन्य दार्शनिक स्थल भी है जो बहुत ही रमणीक है यह स्थान प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है यहाँ भगवान् शिव के मंदिर के अलावा भगवान् राम लक्ष्मण विभीषण और हनुमान जी की भी मूर्तियाँ विराजित है. यहाँ स्थित सीता कुण्ड में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है.
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