भोपाल: मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा और शहरी इलाकों में कम मतदान ने इस विधानसभा चुनाव में सभी की नींद उड़ा दी है। जानकारी के अनुसार बता दें कि खेती-किसानी और व्यापार का केंद्र माने जाने वाले मालवा-निमाड़ पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है। वहीं बता दें कि पिछले चुनाव में 66 सीटों वाले इस क्षेत्र में भाजपा के पास 57 और कांग्रेस के पास मात्र 9 सीटें हैं। वैसे तो मालवांचल भाजपा का गढ़ रहा है। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यहां प्रभुत्व रहा है।
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यहां बता दें कि मंदसौर में किसान गोलीकांड की बरसी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सरकार बनने पर दस दिन में कर्जमाफ करने के एलान के बाद से किसानों में नाराजगी बढ़ गई थी। जिसे साधने के लिए सरकार ने एक साल में 32 हजार 7 सौ करोड़ रुपए किसानों के खाते में ट्रांसफर किए। इसके साथ ही राहुल गांधी के मंदसौर दौरे को निष्क्रिय करने के लिए भाजपा ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा कराई थी। वहीं बता दें कि भाजपा का दावा है कि क्षेत्र की आदिवासी सीट और अनुसूचित जाति की सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी एकतरफा जीत रहे हैं।
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गौरतलब है कि मालवांचल परंपरागत रूप से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गढ़ रहा है। वहीं मौजूदा चुनाव में फीडबैक आने के बाद संघ ने भी अपनी सक्रियता बढ़ाई थी। इसके अलावा संघ सूत्रों का मानना है कि मालवांचल को भाजपा के लिए राजनीतिक दृष्टि से अनुकूल बना लिया था। साथ ही ग्रामीण इलाकों में वोटिंग प्रतिशत ज्यादा रहने को लेकर भाजपा और कांग्रेस के अलग-अलग दावे हैं। कांग्रेस इसे किसानों की वोटिंग अपने पक्ष में बता रही है। वहीं भाजपा का दावा है कि ये गरीब तबके द्वारा की गई वोटिंग है। जो संबल सहित अन्य योजनाओं के हितग्राही हैं। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल कहते हैं कि भाजपा मालवांचल में ही नहीं प्रदेश भर में ऐतिहासिक विजय प्राप्त कर रही है।
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