ज्योतिष के मुताबिक मनुष्य कि जन्मकुंडली उसके अगले और पिछले कर्मो को बंया करती है और इसी के कारण से मनुष्य को भुगतना पड़ता है, आपको एक बात और बता दें कि मनुष्य के कर्मो के मुताबिक मनुष्य पर ग्रहों का भी प्रभाव रहता है जैसे केतु गृह, यह गृह मनुष्य के ऊपर हानिकारक प्रभाव छोड़ते है जिससे मनुष्य को किसी भी प्रकार से हानि हो सकती है अब चाहे वह स्वास्थ्य सम्बन्धी हो या कोट-कचहरी, या शादी में रुकावट या वैवाहिक जीवन में अशांति, या फिर भूत-प्रेत कि बाधा सताने लगती है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने कुछ उपाय बताये है.
केतु गृह पीड़ा की विशेष शांति हेतु बला, कूठ, लाजा, मुस्लि, नागरमोथा सरसों, देवदार, हल्दी, लोध एवं सरपंख मिलाकर आठ मंगलवार तक स्नान करें. केतु के अशुभ प्रभाव के शमन में गणपति उपासना सर्वोपरि मानी जाती है, उनके अथर्वशीर्ष मंत्र के अनुष्ठान से भी लाभ प्राप्त होता है. यदि केतु गृह आप पर बुरा प्रभाव डाल रहा है तो लाल मुहं के बंदरो को गुड़ खिलायें और माथे पर केसरिया या चन्दन का टीका लगाएं.
कृष्ण पक्ष में प्रतिदिन शाम को एक दोने में पके हुए चावल लेकर उस पर मीठा दही डाल लें और काले तिल के कुछ दानों को रख कर दान करें, या फिर यह दोना पीपल के नीचे रखकर केतु दोष कि शांति के लिए प्रार्थना करें, और पीपल के वृक्ष के नीचे प्रतिदिन कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं. गणेश मंदिर जाकर दीन दुखियों को अनाज व वस्त्र दान करें और चीटियों व मछलियों को चीनी मिश्रित आटा खिलाएं.
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