दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा मानहानि के मामले में वित्तमंत्री अरुण जेटली से माफी मांग ली जिस पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि सिर्फ छह साल के अपने सार्वजनिक जीवन के बाद आज अरविंद केजरीवाल देश के सबसे अविश्वसनीय नेता के रूप में देखे जा रहे हैं. तिवारी ने कहा कि केजरीवाल का अपनी भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा की छवि दिखाने के पीछे का मकसद जनता को गुमराह करना था. इसके लिए उन्होंने अरूण जेटली, नितिन गडकरी और बिक्रमजीत मजीठिया जैसे जमे हुए नेताओं पर निराधार आरोप लगाए, लेकिन जैसे ही नेताओं ने अपने ऊपर लगे झूठे आरोपों के खिलाफ केजरीवाल को मानहानि का नोटिस भेजा, तो उनको माफी मांगना पड़ा.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में नेताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता में जो गुस्सा था, उसका केजरीवाल ने फायदा उठाया और एक के बाद एक झूठे आरोप लगाते चले गए, जिसका नतीजा यह हुआ कि आज केजरीवाल को सबसे माफी मांगनी पड़ रही है. मनोज तिवारी ने कहा कि विरोधियों पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने की अरविंद केजरीवाल की ओछी राजनीति का परिणाम है कि आज उन्होंने न सिर्फ अपनी बल्कि पूरे राजनीतिक जगत की विश्वसनियता को दांव पर लगा दिया. तिवारी ने केजरीवाल पर आरोप लगते हुए कहा कि दिल्ली के विकास का मुद्दा हो या फिर वर्तमान सीलिंग की समस्या, केजरीवाल दोनों ही नहीं संभाल पाए.
उन्होंने कहा कि AAP के विधायक महिलाओं के उत्पीड़न और फर्जीवाड़े के दोषी हैं, जिससे दिल्ली की जनता में निराशा है और केजरीवाल के बार-बार आ रहे माफीनामों के बाद जनता के बीच अरविंद केजरीवाल की विश्वसनियता पूरी तरह खत्म हो गई है. मालूम हो कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के नेताओं पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था. अरविंद केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, आशुतोष और आप नेता दीपक बाजपेयी ने भी अरुण जेटली से माफी मांगी है.
केजरीवाल का यू टर्न, नाराज व्यापारियों ने मांगा इस्तीफा
आप सांसद के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ