SC/ST एक्ट के विरोध में हुई हिंसा के बाद उत्तरप्रदेश के मेरठ में दो अप्रैल को जेल भेजे गए एक व्यक्ति को पुलिस ने साजिश रचते हुए वैश्य से दलित बना दिया. वह पुलिस के सामने चिल्लाता रहा कि वह पवन गुप्ता है, लेकिन पुलिस ने एफआईआर में केवल उसका नाम पवन दर्ज किया और जेल भेज दिया. इस मामले में बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने डीएम-एसएसपी को चेतावनी दी है कि अगर 24 घंटे में पवन जेल से बाहर नहीं आया तो वह सोमवार को किसी भी थाने पर धरने में बैठ जाएंगे.
ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र में शास्त्री कोठी के रहने वाले पवन गुप्ता पुत्र अशोक गुप्ता कंकर खेड़ा की एक फैक्ट्री में काम करता है. डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी के अनुसार, जब 2 अप्रैल को हिंसा हुई तो फैक्ट्री की छुट्टी कर दी गई. तब पवन अपने घर लौट रहा था. उसी समय रास्ते में कंकर खेडा थाना पुलिस ने उसे पकड़ लिया.
पवन गुप्ता ने पुलिस को बताया कि उसका एससी-एसटी एक्ट से कोई मतलब नहीं है. लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी. पुलिस ने अपनी एफआईआर में पवन वर्मा को सिर्फ पवन लिखकर अफसरों को दलित बता कर उसे जेल भेज दिया. गौरतलब है कि भारत बंद के दौरान पुरे देश में भीषण हिंसा हुई थी जसमे देश भर से कुल 12 लोगों के मारे जाने की खबर है.
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