नई दिल्ली: दिल्ली में मेट्रो से सफर करने के आदी हो चुके यात्रियों की जान तब सांसत में फंस गई, जब सोमवार रात करीब दस बजे गुड़गांव-बादली येलो लाइन की मेट्रो के एक कोच का दरवाजा खुला ही रह गया। चावड़ी बाज़ार से चांदनी चौक तक यही हालात रहे, इससे यात्रियों में घबराहट रही। आखिर एहतियात के तौर पर मेट्रो ट्रेन को विश्वविद्यालय पर ही खाली करवाना पड़ा। मेट्रो की जानलेवा लापरवाही को एक यात्री ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया।
दरअसल हुआ यूँ कि मेट्रो की येलो यानी गुड़गांव बादली लाइन की मेट्रो सोमवार रात करीब दस बजे गुड़गांव से आकर विश्वविद्यालय की ओर जा रही थी। लेकिन चावडी बाज़ार से जैसे ही मेट्रो आगे बढ़ी, कोच का एक दरवाजा बंद ही नहीं हुआ। आमतौर पर मेट्रो के दरवाजों में सेंसर लगे होते हैं इस कारण दरवाजा बंद नहीं होने तक मेट्रो आगे नहीं बढ़ती है।लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से यह मेट्रो आगे बढ़ गई. हालाँकि चांदनी चौक से मेट्रो का स्टाफ भी समस्या के समाधान के लिए इसमें सवार हुआ, लेकिन दरवाजा बंद नहीं हुआ, तो हादसे से बचने के लिए उसे सुरक्षा के घेरे में ले लिया। कश्मीरी गेट तक दरवाजा खुला ही रहा। आखिर इस मेट्रो ट्रेन को विश्वविद्यालय पर ही खाली कराना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि आमतौर पर मेट्रो के बारे में यही विश्वास होता है कि दरवाजा बंद होने के बाद ही मेट्रो आगे बढ़ेगी। लेकिन इस घटना ने यात्रियों का यह भ्रम भी तोड़ दिया। यात्री अली अब्बास के वीडियो ने मेट्रो की इस जानलेवा लापरवाही को उजागर कर दिया। डीएमआरसी ने तकनीकी खराबी के कारण आंशिक तौर पर मेट्रो के दरवाजे खुले रहने की बात स्वीकारी। यह तो गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ, जबकि मेट्रो में हमेशा बहुत भीड़ होती है.