सॉफ्टवेयर के दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट कंपनी खुद उड़ने वाले ग्लाइडर पर कार्य कर रही है. ताजा जानकारी की माने कंपनी ने कृतिम बुद्धिमता जिसे एआई तकनीक का प्रयोग कर रही है. कंपनी ने नेवादा राज्य में इसका सफल परीक्षण किया है. रिपोर्ट की माने तो कंप्यूटर अल्गोरिथम के प्रयोग से ऑन बोर्ड सेंसर से मिले आकड़ो के माध्यम आकड़ो को खुद ही विश्लेषण करके ग्लाइडर हवा की गति, तापमान तथा उड़ान में आने वाले अवरोधकों को भांपते हुए. अपनी गति और उचाईयां बनाये रखते हुए उड़ते रहते है.
इसके अलावा गर्म हवा का अंदाजा लगकर कर भी आकाश में मजे से उड़ सकते है. स्टेनफोर्ड कॉलेज के ऐरोनॉटिक्स प्रोफेसर की माने तो माइक्रोसॉफ्ट की परियोजना सेल्फ ड्राविंग वाहनों से आगे की चीज़ है. ऐसे ग्लाइडर महत्वपूर्ण कार्यो को अंजाम देने के लिए किये जाते है.
कंपनी की योजन ऐसे विमान को बनाने में लगी है, जो कम ऊर्जा, दिनों और महीनो तक खुद से उड़ान भर सके. अब देखना यह है कि क्या वैज्ञानिक ऐसे टेक्नोलॉजी पर आधारित विमानों के निर्माण में सफल हो पाएंगे या नहीं. यह तो समय आने पर आपके समक्ष आ ही जायेगा.
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