जम्मू कश्मीर के हालात पर लगातार चिंतित रहने वाली मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाजपेयी सरकार की तरह पाकिस्तान से बात करनी चाहिए. इसी से दोनों देशों के बीच शांति का रास्ता निकलेगा. कश्मीरी पंडितों के एक कार्यक्रम में महबूबा ने कहा कि जिस तरह से वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की थी वैसे ही मोदी सरकार को भी करना चाहिए. पाकिस्तान से कहना चाहिए कि कश्मीर में आतंकी भेजना बंद करे. दो के बदले चार मारने की बात होती है लेकिन हमारे बच्चे मर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जंग होनी होती तो अटल जी की समय ही हो जाती लेकिन दोनों मुल्क समझते हैं की जंग से कोई समाधान नहीं निकलता है. न तो हम और न पाकिस्तान जंग लड़ने की स्थिति में है. दोनों देश जानते हैं कि यदि जंग हुई तो कुछ नहीं बचेगा. दोनों मुल्क सब कुछ गंवा देंगे. टेलीविजन पर जो लोग रात को बैठते हैं और कहते हैं कि सबक सिखाएंगे, वो कोई सबक नहीं सिखाया जा रहा है. सबक वहां हमें सिखाया जा रहा है.हमारे लोग मर रहे हैं. महबूबा ने शांति का समर्थन करते हुए कहा कि जब जंग नहीं होनी है तो दोनों तरफ से रास्ते खुलने चहिये. बातचीत होनी चाहिए. वहां के लोग आ सके, हम वहां जा सकें. सुलह होनी चाहिए. लोगों को दोस्ताना माहौल में रहना चाहिए.
कश्मीरी पंडितों की स्थिति पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीरी पंडित हमारे हैं और कश्मीर का अहम् हिस्सा हैं. उनसे कहा है कि वे यहां आएं और अपने बच्चों को भेजें. सब उनको (कश्मीरी पंडितों) बहुत याद करते हैं. कश्मीर के लोग भी मिस करते हैं. मैंने कहा है कि सभी तकलीफ दूर करने को तैयार हैं. पंडितों के बिना कश्मीर नामुकम्मल है. गौरतलब है कि घाटी में पाकिस्तान की ओर से लगातार हिंसा जारी है.
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