सोशल मीडिया पर चर्चित हस्तियों के नाम पर बनाए गए फर्जी अकाउंट और उनका दुरूपयोग आम बात हो चली है. चर्चित हस्तियों के खिलाफ विवाद, FIR और फिर ज़माने भर की फजीहत और बदनामी के बाद मामले का फर्जी निकलना बड़ा दुखदाई साबित हो रहा है. इसके नए शिकार बने हैं आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ जोधपुर की एससी-एसटी कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि अनुसूचित जाति और जनजाति को लेकर आपत्तिजनक बयान पोस्ट करने के कारण उन पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए. कोर्ट ने स्थानीय उदयमंदिर पुलिस स्टेशन को निर्देश दिया कि वह भागवत के खिलाफ मामला दर्ज करे. चूंकि मोहन भागवत सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं हैं, लेकिन उनके नाम पर फेसबुक पर बने पैरोडी अकाउंट के जरिए कई आपत्तिजनक बयान पोस्ट किए गए हैं.
जोधपुर कोर्ट ने ऐसी आपत्तिजनक और जातिगत टिप्पणी करने वाले दोषियों के खिलाफ पुलिस से एफआईआर दर्ज करने को कहा है, ऐसे में आरएसएस प्रमुख के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनेगा क्योंकि यह उनका आधिकारिक अकाउंट नहीं है. राजस्थान के पाली के रहने वाले नरेंद्र कुमार ने जातिगत टिप्पणी करने वालों के खिलाफ केस दर्ज करने की गुहार लगाई थी, जिसमें मोहन भागवत समेत कई अन्य लोगों के नाम दिए गए थे. इससे पहले भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पांड्या के साथ भी यह वाकया हो चुका है. पिछले हफ्ते भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक के खिलाफ राजस्थान कोर्ट ने 21 मार्च को जोधपुर पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश दिया था. लेकिन, बाद में पता चला है कि वह ट्वीट क्रिकेटर हार्दिक पंड्या के वेरिफाइड अकाउंट से नहीं बल्कि उनके नाम से किसी फर्जी अकाउंट से किया गया था. तब सोशल मीडिया में आलोचना के बाद हार्दिक पांड्या को अपनी सफाई देनी पड़ी थी. इस मामले में हार्दिक ने ट्वीट कर पूरे मामले को साफ किया.
उनके अनुसार कई जगह यह गलत खबर चल रही है कि अंबेडकर के खिलाफ उन्होंने आपत्तिजनक ट्वीट किए थे. उन्होंने साफ किया कि यह ट्वीट उनकी तरफ से नहीं बल्कि फेक अकाउंट से किया गया है. हार्दिक ने कहा कि उनके मन में अंबेडकर और अपने संविधान के लिए काफी सम्मान है. साथ ही वे ऐसी कोई बात नहीं कह सकते जिससे किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे. वे इस मामले में कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे. हार्दिक के अनुसार वे कोर्ट को बताएंगे कि यह ट्वीट किसी और के द्वारा किया गया है और इससे उनकी इमेज को भी ठेस पहुंचाने की कोशिश हुई है. ऐसा आजकल कई फेमस लोगों के साथ किया जा रहा है.
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