मानसून सत्र जबसे आया है तभी से संसद में इसी की चर्चा बरक़रार है। बुधवार को संसद में यही मुद्दा मानसून सत्र में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन छाया रहा। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस और दूसरे दलों में काफी हंगामा हुआ लेकिन जैसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बोलना शुरू किया वैसे ही संसद में फिर हंगामा होने लगा। सभापति वेंकैया नायडू ने अमित शाह को अपनी बात पूरी करने को कहा लेकिन हंगामे के कारण बात पूरी नहीं हो पाई। ऐसे में वेंकैया नायडू ने सभी को शांत कराने की कोशिश की लेकिन सांसद नहीं माने तो उन्होंने ये बैठक को गुरुवार के लीये स्थगित कर दिया।
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स्थगित होने के कारण देखा जायेगा कि संसद में आज भी यही मुद्दा बरक़रार रहेगा और अमित शाह अपनी बात पूरी करेंगे। इस बैठक में दलितों को किसी भी तरह के अत्याचार से बचाने, बच्चियों का बलात्कार करने वालों को फांसी की सजा दिए जाने का मुद्दा उठेगा जो सरकार के लिए चुनौती रहेगी। आपको बता दें, दलित विधेयक के संशोधनों को सरकार 10 अगस्त तक पास करवाना चाहती है। विपक्ष एनआरसी का कहना है कि सरकार ने 40 लाख लोगों को अवैध नागरिक बनाया हुआ है जिस पर सरकार भी लगातार सफाई दे रही है कि असम के अवैध घोषित हुए नागरिकों के पास अभी भी एक और मौका है।
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आज गृहमंत्री एनआरसी पर राज्यसभा में बयान दे सकते हैं। बच्चियों के बलात्कार मामले पर कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि शहर के मामले दर्ज तो होते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में इन मामलों को दर्ज नहीं किया जाता बल्कि वहां की पुलिस ही बिकी हुई होती है। आगे उन्होंने कहा कि चाहे कितने कानून बना लिए जाए लेकिन अगर कानून का ही पालन नहीं किया जायेगा तो विधायक किसी काम नहीं है और कुछ नहीं कर सकता।
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