पंजाब: लुधियाना के छोटे से कस्बे से पर्यावरण संरक्षण का काम शुरू करने वाले शीतल प्रकाश एक ऐसे इंसान है जिन्होंने अपनी सारी सुख-सुविधा को दरकिनार रखते हुए अपने जीवन को पर्यावरण पर समर्पित कर दिया है, इन्होने लगभग 40 लाख रुपए से भी ज़्यादा पैसे पर्यावरण संरक्षण, पक्षियों के लिए घोंसले बनाने और लावारिस जानवरों की देख-रेख के लिए खर्च कर दिए है.
शीतल पेशे से मोबाइल फोन और वेस्टर्न यूनियन के कारोबारी हैं. शीतल का पर्यावरण के प्रति इतना लगाव है कि उन्होंने बंजर जमीन पर भी बड़े तादाद में पौधे लगाएं. उनका मकसद सिर्फ चारों तरफ हरियाली फैलाना है. शीतल अब तक तक़रीबन 20 हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं.
शीतल पौधों को बच्चो की तरह पालते हैं, उनका मानना है कि जैसे बच्चों को फूड और पानी समय और मात्रा के हिसाब से दिया जाता है, ठीक वैसे ही पौधों को पानी, खाद, फर्टिलाइजर और कीड़ों से बचाने के लिए दवाईयों की जरूरत होती है. शीतल के पर्यावरण प्यार को देखकर ऐसे कहा जाता है कि वो बंज़र ज़मीन को भी उपजाऊ बना सकते है.
मीडिया रिपोर्टरों की माने तो शीतल ने अकेले ही रायकोट व लुधियाना की कई बंजर जमीनों में अशोका, पीपल, कीकर बेहड़ा, जंट, गुलार, नीम, जेड़, पिलकन, बॉक्स वुड, साइक्स, फाइक्स बोगल बिल, आम, हरड़, गुलमोहर, कचनार के पौधे लगाकर हरियाली में बहार ला दी.
इन अवार्ड से नवाजें जा चुके हैं अभी तक शीतल-
2013 में उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए पंजाब सरकार द्वारा स्टेट अवार्ड दिया गया.
2013 में ही उन्हें ग्रीन आइडल पंजाब का सम्मान मिला.
2013 में हेल्थ मिनिस्टर मदन मोहन मित्तल ने आनंदपुर साहिब में शीतल को सम्मानित किया.
2014 में विधानसभा के स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल ने उन्हें सम्मानित किया.
2015 में गवर्नर कप्तान सिंह सोलंकी ने उन्हें चंडीगढ़ में सम्मानित किया.
उन्हें नोबल इंडियन अवार्ड भी मिल चुका है.
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