नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता मुकुल रॉय की फोन टैपिंग का आरोप लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इस मामले में केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा था उनके फोन कॉल को बीच में नहीं सुना गया. न्यायमूर्ति विभू बाखरू की पीठ ने यह आदेश पश्चिम बंगाल डीजी, सीआइडी, दिल्ली पुलिस आयुक्त व अन्य जाच एजेंसियों के जवाब के बाद दिया है. इसके आलावा दिल्ली हाई कोर्ट ने मुकुल रॉय को ये लिबर्टी दी है कि अगर अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत हाथ लगे तो वो दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
केंद्र व पश्चिम बंगाल सरकार के वकीलों ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि, मुकुल रॉय ने दिल्ली में ही याचिका क्यों दायर की. क्या बंगाल में कोर्ट नहीं है. वहीं, याची के वकील ने कहा कि स्थानीय पुलिस द्वारा नियमित रूप से उनके मुवक्किल पर नजर रखी जा रही है. पिछले महीने मुकुल रॉय ने याचिका दायर कर अपने 4 मोबाइल नंबरों को टैप किए जाने का दावा किया है. कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खासमखास माने जाने वाले रॉय ने उन्हीं पर टैपिंग का आरोप लगाया था.
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) के पूर्व सांसद मुकुल रॉय पार्टी छोड़कर अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा उनके फोन टैप करने और कथित निगरानी रखे जाने के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग उठाई थी. रॉय ने आरोप लगाया था कि जब वह पश्चिम बंगाल में थे तब हमेशा उन्होंने पाया कि स्थानीय पुलिस उनकी आवाजाही पर नजर रख रही है. याचिका में कुछ दस्तावेज पेश कर यह भी तर्क दिया गया है कि उन्हें पुलिस, अपने आइपीएस दोस्तों व जाँच एजेंसियों में स्थित सूत्रों से पता चला है की उनका फोन टैप हो रहा है.
अब टोल पर मिलेगा सेना के जवानों को सम्मान
बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के समय में हुए बदलाव