नई दिल्ली : सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के लिए सर्वोच्च न्यायलय ने महिलाओं के हक़ में फैसला सुना था जिससे बाद में इस निर्णय पर फिर से याचिका दायर हो चुकी है. इस निर्णय के बाद ही मुस्लिम महिलाएं भी सुन्नी मस्जिदों में प्रवेश के लिए ,सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाने की तैयारी कर रही हैं. उन महिलाओं का कहना है कि उन्हें सुन्नी मस्जिदों में प्रवेश कर नमाज़ पढ़ने का हक़ मिलना चाहिए.
एक ही मुस्लिम परिवार के 13 सदस्यों ने अपनाया हिन्दू धर्म, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप
मस्लिम महिलाओं के एक संगठन निसा का कहना है कि मुस्लिम महिलाओं को सुन्नी मस्जिदों में प्रवेश की अनुमति नहीं है. इसी पर वो चाहती हैं उन्हें भी ये हक़ मिले. निसा की अध्यक्ष वीपी जुहरा ने कहा कि इस मामले में वह अगले सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय के पास जाएंगी. जुहरा का कहना है कि सुन्नी मस्जिदों में महिलाओं को नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाती, साथ ही उन्होंने सबरीमाला का उदाहरण देते हुए कहा कि हिन्दू महिलाओं को उनके मंदिर के अनुमति मिल गई तो उन्हें सुन्नी मस्जिद में जाने से क्यों रोका जा रहा है.
भारत में इस्लामिक धर्म के प्रवर्तक थे मुहम्मद अब्दुल हक अंसारी
जुहरा का कहना है कि उन्होंने इस मामले के वकीलों से बात कर ली है और अगले हफ्ते ही वो सर्वोच्च न्यायलय जायेंगी. आगे कहती हैं कि उन्होंने पढ़ा है कि मोहम्मद के समय में उन महिलाओं को भी मस्जिद में नमाज पढ़ने का अधिकार था जो मानसिक धर्म से गुज़र रही होती थी, यानी उम्र का कोई प्रभाव नहीं था. उस समय कोई रोक नहीं थी तो ये रोक क्यों लगी है.
खबरें और भी..
आयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद : आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगी अहम फैसला