आर्थिक मोर्चे पर सरकार ने आज एक बड़ा कदम उठाते हुए फैसला ले ही लिया. कैबिनेट ने आज एनबीएफसी यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों में विदेशी निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एनबीएफसी में ऑटोमैटिक रूट के जरिए सौ फीसदी तक विदेशी निवेश हो सकता है. साथ ही न्यूनतम पूँजी के नियम को भी हटाया गया है.
अब इस कारोबार में ब्रोकरेज कंपनियां, इंफ्रास्ट्रक्चर को कर्ज देने वाली कंपनियां और बचत में भाग लेने वाली कंपनियां भी शामिल हो सकेंगी. कैबिनेट के इस फैसले काअसर रिलायंस कैपिटल, श्रीराम फाइनेंस, डीएचएफएल, फर्स्ट कैपिटल, इंडियाबुल्स फाइनेंस, एलएंडटी फाइनेंस कंपनियों पर पड़ सकता है.
जानकारों का कहना है कि इस फैसले के बाद से एनबीएफसी कंपनियों को ज्यादा पैसा मिल पाएगा जिससे कारोबार विस्तार करने में मदद मिलेगी. बिजनेस करने को आसान बनाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है.