मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बाबाओं को दिए गए राज्यमंत्री के दर्जे पर हर दिन कुछ न कुछ नया घटता प्रतीत हो रहा है. बारह दिन पहले सरकार ने संत नर्मदानंद को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. अब संत नर्मदानंद ने राज्यमंत्री का पद छोड़ने का मन बना लिया है. एक निजी कार्यक्रम में भोपाल आए संत नर्मदानंद ने कहा कि मैं राज्यमंत्री का दर्जा तत्काल छोड़ रहा हूं. हलाकि संत नर्मदानंद ने अभी सरकार को ये लिखकर नहीं दिया है कि वो राज्यमंत्री का दर्जा छोड़ने वाले हैं. संत नर्मदानंद से पहले भय्यू महाराज भी कह चुके हैं कि वो राज्यमंत्री का दर्जा नहीं लेंगे.
गौरतलब है कि सरकार ने नर्मदा घोटाला रथ यात्रा को रोकने के लिए पौधरोपण और स्वच्छता के लिए 3 अप्रैल को विशेष समिति बनाकर 5 बाबाओं को राज्यमंत्री दर्जा दे दिया था. सात सदस्यीय समिति में बाबा कंप्यूटर बाबा, नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी, भय्यू महाराज और पं. योगेंद्र महंत भी सदस्य हैं. इससे पहले भी संत नर्मदानंद कई विवादों में रहे है. दरअसल संत नर्मदानंद नेत्रहीन होने का दावा कर वर्षों तक रेलवे के रियायती पास पर यात्रा करते रहे. इस मामले के सामने आने के बाद बाबा ने कहा है कि नर्मदा किनारे नंगे पांव चलने से उनकी आंखों की रोशनी लौट आई थी.
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