लुधियाना : पंजाब कैबिनेट के विस्तार को लेकर सुलग रही चिंगारी में उस समय घी गिर गया जब मिसेज नवजोत सिद्धू की नियुक्ति वेयर हाउस कार्पोरेशन के चेयरमैन पद पर कर दी. इस घटना से असंतुष्टों का आक्रोश बढ़ गया. अब कांग्रेसियों द्वारा कैप्टन अमरिंद्र सिंह सेयह सवाल किया जा रहा है कि फिर एक परिवार एक टिकट का फॉर्मूला लागू करने की जरूरत ही क्या थी.
आपको बता दें कि कांग्रेसियों की मांग टिकट बंटवारे से जारी है .जिनका नंबर नहीं लगा उनको चेयरमैन बनाने का भरोसा दिलाया गया. चुनाव लडऩे व जीतने वालों को इस श्रेणी से बाहर रखने की बात कही गई. एक साल गुजर जाने के बाद फिर मंत्रिमंडल विस्तार तक इंतजार करने को कहा गया.फिर मंत्रिमंडल विस्तार में अनदेखी का शिकार हुए विधायकों के विरोध को शांत करने के लिए उन्हें चैयरमेन बनाने को कहा गया.हालाँकि सीएम ने कहा कि सभी को समायोजित करने के लिए सरकार के पास 7500 ओहदे हैं.
उल्लेखनीय है कि आखिर सीएम अमरिंदर सिंह ने मिसेज नवजोत सिद्धू को वेयर हाउस कार्पोरेशन का चेयरमैन बना दिया .लेकिन टिकट लेने के दावेदार रहे नेता अब तक वंचित हैं. सिद्धू की पत्नी को चेयरमैन बनाने के फैसले ने मंत्रिमंडल विस्तार को सुलग रही चिंगारी में घी डालने का काम किया है.वादे के अनुसार मंत्री न बनाए जाने से नाराज एक भी विधायक को अब तक चेयरमैन नहीं बनाया गया है.इसी कारण असंतोष बढ़ रहा है.
यह भी देखें
आदमपुर हवार्इ अड्डे पर असुरक्षा का साया
पंजाब में 20 विधायक बनेंगे विधान सहायक