कहते हैं कि शारदीय नवरात्रि में बहुत सी बातों का ध्यान रखा जाना आवश्यक है. ऐसे में यह नवरात्रि 10 अक्टूबर से शुरू हो गए है. ऐसे में नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान मां दुर्गा के भक्त उनके 9 रूपों की पूजा करते हैं और इस पर्व में कुछ भक्त 9 दिनों का व्रत रखते हैं लेकिन इसी के साथ कुछ भक्त पहला और आखिरी दिन का व्रत रखते हैं. अब नवरात्रि के पवन पर्व पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं नवरात्रि में वास्तु की कुछ बातों को जिन्हे जानकर आपको लाभ होगा.
मान्यता है कि वास्तु के अनुसार, जब भी पूजा में ध्यान करें उस समय उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) का चुनाव करें यह दिशा शुभ मानी गई है और यह दिशा का संबंध मानसिक स्पष्टता से है. इसी के साथ नवरात्रि में देवी पूजा में देवी की मूर्ति को लकड़ी के पाटे पर स्थापित करनी चाहिए और अगर चौंकी चंदन की लकडी की हो, तो सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है, क्योकि वास्तु में चंदन शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना गया है.
इसी के साथ नवरात्रि में नौ दिन तक देवी के सामने अखंड ज्योति जलाने के लिए पूजन स्थल पर आग्नेय कोण में दिया जलाना चाहिए क्योंकि इस दिशा में अखंड ज्योति रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है और घर से नकारात्मकता जाती है. घर में धन का आगमन भी जल्दी होने लगता है.
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