आप सभी को बता दें कि आज नवरात्र का चौथा दिन है और नवरात्र के चौथे दिन माता कूष्माण्डा की पूजी जाती हैं. कहते हैं माता कूष्माण्डा आठ भुजाओं वाली हैं और आठ भुजाओं वाली मां दुर्गा के इस रूप को लेकर यह मान्यता है कि इन्होंने ही संसार की रचना की थी और यहीं वजह है कि इन्हें आदिशक्ति के नाम से भी पुकारा जाता है. कहते हैं इन्हें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा के बाद पूजा जाता है और इनकी पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है. आज के दिन माता की पूजा में इस आरती का विशेष महत्व होता है और आज इस आरती को करने से माँ खुश हो जाती है और मनचाहा वरदान दे देती हैं.
आइए जानते हैं अब कूष्मांडा माता की आरती.
कुष्मांडा जय जग सुखदानी
मुझ पर दया करो महारानी
पिंगला ज्वालामुखी निराली
शाकम्बरी माँ भोली भाली
लाखो नाम निराले तेरे
भगत कई मतवाले तेरे
भीमा पर्वत पर है डेरा
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा
संब की सुनती हो जगदम्बे
सुख पौचाती हो माँ अम्बे
तेरे दर्शन का मै प्यासा
पूर्ण कर दो मेरी आशा
माँ के मन मै ममता भारी
क्यों ना सुनेगी अर्ज हमारी
तेरे दर पर किया है डेरा
दूर करो माँ संकट मेरा
मेरे कारज पुरे कर दो
मेरे तुम भंडारे भर दो
तेरा दास तुझे ही ध्याये
'भक्त' तेरे दर शीश झुकाए
आज ऐसे करें मां कूष्मांडा का स्त्रोत पाठ, होगा धन लाभ