उज्जैन तीर्थों की तीर्थ स्थली के रूप में प्रतिष्ठित है। ऐसी पुराणोक्त मान्यता है कि उज्जैन ही ऐसा तीर्थ स्थल है जहां तैतीस करोड़ देवी देवता विराजमान है। इनमें से कई तो साक्षात और चमत्कारी है तो कई पौराणिक रूप से भी प्रतिष्ठित है। कहा जाता है कि यदि पूरा का पूरा एक बोरा चावल लेकर भी निकलकर थोड़ा-थोड़ा मंदिरों में चढ़ाये तो भी बोरा कम पड़ जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि उज्जैन की महिमा ही निराली है।
नवरात्रि दर्शन में अभी तक लगभग सभी प्रमुख देवी मंदिरों के बारे में संक्षिप्त लेकिन सारगर्भित जानकारी का प्रकाशन किया गया। आज नवमी तिथि के अवसर पर छत्रेश्वरी चामुंडा माता के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी जा रही है। स्कंद पुराण के अवंति क्षेत्र महात्म्य में 24 देवियों का उल्लेख मिलता है। उनमें चंड और मंुड नामक राक्षसों का वध करने वाली माॅं चामुंडा देवी का भी वर्णन है।
यह देवी सिविल अस्पताल के पास चैराहे पर स्थित है। यहां हर दिन ही भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्रि के अवसर पर तो मंदिर और चैराहे की छटा देखते ही बनती है। पूरा चैराहा सजा हुआ रहता है तथा दूर से ही लोगों को आकर्षण उत्पन्न करता है। माता का श्रृंगार अद्भूत होकर श्रद्धालुओं को अभिभूत करता है।