राउरकेला : नक्सली मुकेश हेम्ब्रम द्वारा बुधवार को राउरकेला के एसपी डॉ. उमाशंकर दास व सीआरपीएफ की 19वीं बटालियन के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता मानी जा रही है. एसपी के अनुसार ओडिशा की नीति से आकर्षित होकर मुकेश ने आत्मसमर्पण करने का मन बनाया.
बता दें कि मूल रूप से सुंदरगढ़ जिले के जगन्नाथपुर गांव के रहने वाले मुकेश हेम्ब्रम ने लक्ष्यहीन जीवन व नक्सली नेताओं की प्रताड़ना से तंग आकर समर्पण का फैसला किया.मुकेश ने खुलासा किया कि भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेता समरजी उर्फ अनमोल तथा विजय उर्फ कुनु देहुरी ने उसे संगठन में कई वादों के साथ संगठन में शामिल किया था.नक्सली नेता नाबालिग बच्चों को अच्छा खाना, पढ़ाई व अच्छा जीवन का लालच देकर बहला-फुसला कर संगठन में शामिल किया जाता है. फिर उनसे बेहद बुरे हालात में काम कराया जाता है. इनमें लड़कियां भी शामिल हैं. संगठन की उग्रवादी गतिविधियों से परेशान होकर यह निर्णय लिया.
जबकि दूसरी ओर राउरकेला के एसपी डॉ. उमाशंकर दास ने बताया कि पुलिस व सुरक्षा बलों के संयुक्त आपरेशन द्वारा जंगलों में लगातार चल रहे आपरेशन के कारण नक्सली कुछ जगहों तक सिमट गए हैं. इसी कारण वे समर्पण करने को मजबूर हो रहे हैं. इसमें ओडिशा की नीतियों की भी भूमिका है.
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