राजनांदगांव: मुखबिरी के शक पर नक्सलियों ने बेलगांव के नरेश सलामे की गोली मारकर हत्या की है, उसे पुलिस अपना मुखबिर नहीं मान रही है। वहीं पुलिस का कहना है कि नरेश गांव में खेती कर जीवनयापन कर रहा था, जबकि यह खबर सामने आई कि घटना वाले दिन ही मृतक नरेश पुलिस की सर्चिंग पार्टी के जवानों से मिलकर आया था। वहीं इसकी भनक पड़ते ही नक्सलियों ने शनिवार की रात उसकी हत्या कर दी। हालांकि नक्सलियों ने इस बार मौके पर किसी तरह का कोई पर्चा नहीं फेंका है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि नरेश की हत्या क्यों की गई?
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वहीं बता दें कि खबर तो ये भी है कि सालभर पहले नक्सलियों ने नरेश को चेतावनी दी थी कि वह मुखबिरी ना करें। इसके बाद से नरेश गांव छोड़ कर बाहर चला गया था। पांच-छह महीने पहले ही नरेश फिर से गांव लौटा और खेती-बाड़ी का काम कर रहा था। इसके अलावा पुलिस नक्सलियों की इस करतूत को दहशत फैलाने की भी वजह मान रही है, क्योंकि पड़ोसी राज्य की पुलिस के साथ जिले की फोर्स लगातार ज्वाइंट आपरेशन चला रही है। इस कारण नक्सलियों की बौखलाहट बढ़ गई है, जिसके चलते नक्सली ग्रामीणों में दहशत फैलाने का काम कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि इधर वारदात के बाद से बेलगांव व आसपास के ग्रामीण हकीकत में दहशत के साए में है। यहां बता दें कि पुलिस की टीम लगातार इन क्षेत्रों पर सर्चिंग अभियान चला रही है। पुलिस कर रही जांच नक्सली वारदात के बाद पुलिस सतर्क हो गई है। वहीं मर्ग कायम कर जांच में जुटी पुलिस ये स्पष्ट नहीं कर पा रही है कि वो मुखबिर था या नहीं?
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