नई दिल्ली : मानसून सत्र में एक के बाद एक विधेयक पारित हुए जा रहे हैं. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब लोकसभा में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (संशोधन) विधेयक, 2017 पारित हुआ है. जिसका संबंध चेक बाउंस होने से है. चेक बाउंस होने की दशा में चेक जारी करने वाले को जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से यह विधेयक सरकार ने पारित किया. प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इस विधेयक को सदन में ध्वनिमत के सहारे पारित किया गया है.
जानिए इस विधेयक के प्रावधान के बारे में...
- अब शिकायत करने वाले पक्ष को नए प्रावधान के तहत काफी जल्दी न्याय मिलेगा.
- चेक बाउंस होने की स्थिति में चेक जारी करने वाले व्यक्ति को 20 प्रतिशत दंड पर ब्याज भी देना होगा.
- चेक बाउंस होने का केस अगर अपीलय अदालत का दरवाजा खटखटाता है, तो इस स्थिति में चेक जरी कर्ता को 20 प्रतिशत राशि भी न्यायालय में जमा करना होगी.
- अदालत चाहे तो इस मामले में दंड की राशि को 100 फीसदी भी कर सकता है.
- अगर दंड की राशि अधिक होती है और आरोपी द्वारा इसका दो किश्तों में भुगतान किया जाता है तो ऐसी दशा में यह अवधि 30 दिन बढ़ाई जा सकती है.
वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि इस विधेयक से चेक के अस्वीकृत होने की समस्या का समाधान हो सकेगा. गौरतलब है कि इससे पहले आर्थिक भगोड़ा अपराधी 2018 विधेयक भी सदन में पारित हो चुका है.
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