काठमांडू। विश्व के सबसे ऊंचे पर्वतीय शिखर माउंट एवरेस्ट के पास नेपाल ने प्राकृतिक आपदा की परिस्थिति को समाप्त कर दिया है। दरअसल नेपाल ने यहां पर एक बड़े ग्लेशियर की झील के पानी को निकाल दिया है। इस कार्य में यूएन के विकास कार्यक्रम से नेपाल को मदद मिली है। यदि इस पानी को नहीं निकाला जाता तो विनाशकारी बाढ़ की संभावनाऐं बन सकती थीं ऐसे में बड़े पैमाने पर जनधन हानि की संभावना भी थी मगर नेपाल द्वारा झील के पानी को निकाल दिए जाने के बाद आपदा की परिस्थितियां लगभग समाप्त हो गई हैं।
इस मामले में वैज्ञानिकों ने कहा है कि हिमालयी ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हें। जिसके कारण ग्लेशियर्स के पास झीलें बन रही हैं और झीलों के चलते बाढ़ की आशंकाऐं जन्म ले रही हैं दरअसल जब झीलों के किनारों से पानी का प्रवाह होने लगता है तो बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। जिस झील को लेकर नेपाल ने पानी निकालने का कार्य किया है उसका नाम इमजा शो है। इस झील के चलते बाढ़ के हालात बन रहे हैं।
दरअसल इस तरह की झीलों के कारण पहाड़ी जीवन संकट में है। झीलों की बाढ़ का खतरा बीते वर्ष नेपाल में आए भूकंप के कारण और बढ़ गया है। इस मामले में विज्ञान विशषज्ञों और वैज्ञानिकों ने कहा है कि जिस झील का पानी निकाला गया है वह 150 मीटर गहरी थी। इसका पानी करीब 6 माह में खाली हुआ और इसमें से लगभग 50 लाख घन मीटर के पानी को निकाला गया है।